यह काम कैसे करता है:-
SHAKTIMAN एक सल्फर टेक्निकल से बनाया गया कणक है जिसमें भार के हिसाब से 80 प्रति सक्रिय तत्व है। इसका उपयोग फसलों पर फफूंद जनित रोगों की रोकथाम के लिये किया जाता है। ससागे व्यापक स्पेक्ट्रम वाला संपर्क और सुरक्षात्मक कवकनाशी है।
फसल में लगाने की मात्रा:-अनाज वाली फसलें जैसे गेहूं, धान, मक्का में 4-10 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से, दलहनी फसलों जैसे- चना, मूंग, मसूर, उड़द में 5-10 किलो प्रति हेक्टेयर, तिलहनी फसलों जैसे मूँगफली, सरसों, सूरजमुखी में 10-20 किलो प्रति हेक्टेयर तथा आलू व चारे वाली फसलों में 25-50 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से सल्फर की आवश्यकता होती है
सल्फर का उपयोग – (Use of Sulfur in Farming)
- सभी फसलों में सल्फर उपयोग लाभकारी होता है.
- सल्फर से तिलहनी फसलों में तेल की मात्रा का प्रतिशत बढ़ाता है
- सल्फर मिट्टी की उर्वरा शक्ति प्रतिशत बढ़ाता है
- सल्फर पौधों के लिए टॉनिक का काम भी करता है.
- सल्फर पौधों में एंजाइमों की क्रियाशीलता को बढ़ता है.सल्फर को मिट्टी का सुधारक कहा जाता है क्योंकि यह मिट्टी के पीएच को कम करता है। चूना युक्त पथरीली चिपचिपी मिट्टी में सल्फर का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। सल्फर का महत्वपूर्ण उपयोग तिलहनों में प्रोटीन और तेल की मात्रा में वृद्धि करना है। नोट -: फसल में किसी भी दवा का प्रयोग करते समय विशेषज्ञ की सलाह व निर्देशों का अनुपालन करें